!!! आंशु - ओं के मोती...
"शिखर से शून्य तक..."
♣♣♣ " ऊपर जिसका अंत नहीं उसे आसमां कहते हैं, और नीचे जिसका अंत नहीं उसे माँ कहते हैं..."
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Tuesday, 7 February 2012
खुशहाली में इक बदहाली, तू भी है ......."
खुशहाली में इक बदहाली, तू भी है और मैं भी हूँ
हर निगाह पर एक सवाली, तू भी है और मै भी हूँ
दुनियां कुछ भी अर्थ लगाये,हम दोनों को मालूम है
भरे-भरे पर ख़ाली-ख़ाली , तू भी है और मै भी हूँ......."
1 comment:
Unknown
7 February 2012 at 22:32
Dr. Kumar Vishwash..
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Dr. Kumar Vishwash..
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