एक बार एक आम आदमी जोर जोर से चिल्लारहा था, "प्रधानमंत्री निकम्मा है ."
पुलिस के एक सिपाही ने सुना और उस की गर्दन पकड़ के दो रसीद किये और बोला, "चल थाने, प्रधानमंत्री की बेइज्ज़ती करता है?"
वो बोला, "साहब मै तो कह रहा था फ़्रांस का प्रधानमंत्री निकम्मा है."
ये सुन कर सिपाही ने दो और लगाए और बोला, "साले,बेवक़ूफ़ बनता है! क्या हमे नहीं पता कहाँका प्रधानमंत्री निकम्मा है?"
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*** है ध्येय हमारा दूर सही पर साहस भी तो क्या कम है
हम राह अनेको साथी है कदमो मे अंगद का दम है
असुरो की लन्का राख करे वह आग लगाने आते है ॥
पग पग पर काटे बिछे हुये व्यवहार कुशलता हम मे है
विश्वास विजय का अटल लिये निष्ठा कर्मठता हम मे है
विजयी पुरखों की परम्परा अनमोल हमारी थाती है ॥..***!!!!!!
************एक भारतीय ********************
kya baat hai. bahut badiya.
ReplyDeleteचलिए इसी बहाने मालूम तो पड़ गया :)
ReplyDeletePlease remove word varification , it is very difficult for comment , vaise apki marji akhir blog hai aapka
ReplyDeleteचर्चा में आज आपकी एक रचना नई पुरानी हलचल
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मुक्तक बहुत बढ़िया लगा ..और चुटकुला भी ...
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद् ...
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