"शिखर से शून्य तक..."
सही है आम आदमी की बात वैसे तो कोई सुनता नहीं है इसलिए जब घीये शिधी उंगली से ना निकले तो उंगली टेढ़ी करने में कोई बुराई नहीं है रोचक कहानी थी...
बहुत - बहुत धन्यवाद्
Bahut khoob.....
waah! bahut hi umda!
बहुत ख़ूबसूरत.कृपया मेरे ब्लॉग" meri kavitayen" की नवीनतम पोस्ट पर भी पधारें, आभारी होऊंगा .
सही है आम आदमी की बात वैसे तो कोई सुनता नहीं है इसलिए जब घीये शिधी उंगली से ना निकले तो उंगली टेढ़ी करने में कोई बुराई नहीं है
ReplyDeleteरोचक कहानी थी...
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ReplyDeleteBahut khoob.....
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ReplyDeleteबहुत ख़ूबसूरत.
ReplyDeleteकृपया मेरे ब्लॉग" meri kavitayen" की नवीनतम पोस्ट पर भी पधारें, आभारी होऊंगा .